अधिनियम को लोक सूचना अधिकारी की वैधानिक जवाबदेही के अपने ब्रह्मास्त्र को सर्वोच्च न्यायालय में होने जा रही वैधानिक बहस में प्रतिष्ठित कराना ही होगा। यह उसकी बड़ी अग्नि-परीक्षा होगी क्योंकि यदि वह ऐसा नहीं कर पाया तो अधिनियम अपनी भावना और उद्देश्य, दोनों ही, सदा के लिए गँवा बैठेगा। सूचना का अधिकार अधिनियम की इस प्रभाव-शीलता पर देश के सर्वोच्च न्यायालय में लगाया गया प्रश्न-चिन्ह केवल न्याय की भारतीय अवधारणा को नहीं अपितु अधिनियम को भी अग्नि-परीक्षा की कसौटी पर कसेगा। Continue reading
March 2010 archive
Mar 21 2010
अग्नि-परीक्षा-१ : परीक्षा में झुँकी न्याय की भारतीय अवधारणा
बलि की बेदी के खूँटे से साक्षात् न्याय की भारतीय अवधारणा ही बाँध दी गयी है। बिना परिणामों की गहराई पर विचार किये ही न्याय की भारतीय अवधारणा को अग्नि-परीक्षा में झौंक दिया गया है। परम्परा से कहीं बहुत गहरा है न्याय की भारतीय अवधारणा का आसन्न संकट। Continue reading