गाँव का निवासी जब शहर को पलायन करता है तब अपने साथ केवल श्रम की, और यदि वह कुशल है तो अपनी निजी कुशलता की भी, सौगात ले जाता है। उसका गाँव उसके पीछे ही छूट जाता है। लेकिन जब शहरी व्यक्ति गाँव की ओर कदम बढ़ाता है तब वह अपनी सहायता के लिए शहर को भी साथ लेता आता है। और फिर, धीरे-धीरे, यही शहर गाँवों पर अपना आधिपत्य जमा लेता है। Continue reading
April 2013 archive
Apr 10 2013
रतन मोल भाजी, कौड़िन मोल खाजा!
कौड़ी और रत्न को आँकने का प्रजा-तान्त्रिक अन्दाज बड़ा अनोखा है। पिछले सालों में होमिअपैथी की वैधानिक पढ़ाई तब तक पूरी नहीं हुई जब तक एलोपैथी के ‘पैथॉलॉजी’ और ‘प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन’ जैसे लिखित और प्रैक्टिकल उत्तीर्ण न कर लिये गये हों। और अब तो एम०बी०बी०एस० पाठ्य-क्रम में होमिअपैथी के मूल सिद्धान्त शामिल किये जा रहे हैं। Continue reading
Apr 05 2013
मोदी दा जवाब नहीं
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के ठीक तीन माह बाद नरेन्द्र मोदी ने अपने राजनैतिक आलोचकों के पैरों के नीचे से उनके इरादों के ताने-बाने से बुना सुविधा-जनक गलीचा एक-बारगी खींच लिया है। सोच-समझ के साथ किये गये मोदी के इस औचक आक्रमण ने उनके राजनैतिक विरोधियों को औंधे मुँह पटक दिया है। वे ‘उगलत-निगलत पीर घनेरी’ का जीवन्त अनुभव कर रहे हैं। Continue reading