प्रतीक उस भावना का प्रतिनिधित्व करने के लिए गढ़े जाते हैं जो किसी धारणा की आत्मा होती है। वह मूल धारणा को समझने का एक सरल साधन भर होता है। इसलिए ‘इनमें से कोई नहीं’ (नोटा) वाले बटन के लिए मैं एक ऐसा प्रतीक प्रस्तावित करता हूँ जिससे किसी भी मत-दाता को बिल्कुल द्विविधा नहीं होगी। Continue reading
October 2013 archive
Oct 21 2013
बहुत व्यापक है नकारने का अधिकार
मत-दाता के इस अधिकार की सार्थकता तभी सुनिश्चित हो सकती है जब वह चुन लिये जाने के बाद भी उतना ही बना रहे जितना कि चुनते समय। सरल शब्दों में, जिन कारणों और आधारों ने किसी प्रत्याशी को विजयी बनाया है उन्हीं कारणों और आधारों पर उसके मूल्यांकन का अधिकार केवल उन्हें है जिन्होंने उसे चुना था। Continue reading
Oct 17 2013
नकारने का अधिकार : निरर्थकता पर बहस
कोई न्याय-पालिका के अनधिकृत हस्तक्षेप के नाम पर माथा फोड़ रहा है तो कोई मत-दाता की बेचारगी का दु:खड़ा रो रहा है। और, भ्रमित हो रहा जन-मानस इस सचाई की उपेक्षा करने की भूल कर रहा है कि नकारने के अधिकार के बन्धन-कारी विकल्प में लोक-तन्त्र की आत्मा निवास करती है। Continue reading
Oct 08 2013
राइट टु रिजेक्ट के लिए अन्ना करेंगे आन्दोलन
आगामी विधान सभा चुनावों में राइट टु रिजेक्ट को लागू करने के लिए अन्ना हजारे जन-आन्दोलन शुरु करेंगे। इसके लिए देश के हर ब्लाक में जन-संसद् अभियान समिति के गठन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है जिसके बाद सभी राज्यों में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे। Continue reading
Oct 05 2013
SCIENCE OR NOT : DOES THAT REALLY MATTER?
Laying the finger on the faults in Hahnemann’s philosophy does not inevitably result in putting one in the company of Hecker or Hughes. For, had that occurred while one was meditating upon the philosophy and remained beyond a fault in itself, it only furthers philosopher’s cause.
Oct 02 2013
सोनिया के खिलाफ़ लड़ेंगे वी के सिंह
जनरल सिंह ने निश्चय किया है कि चुनावी मैदान में वे सोनिया के खिलाफ़ मोदी का सहारा लेंगे। Continue reading